Jante Hai jammu kashmir 370 Article Kya Hai?
370 आर्टिकल क्या है एवं 370 आर्टिकल को हटाने बाद कोनसे नियम एवं आरटीआई लागू होती है, इसके बारे में जानकारी दी गई है| | यहाँ पर हमने 370 आर्टिकल के तहत जम्मू – कश्मीर के नागरिक को कोनसे नियमों का पालन करना पड़ता था और 370 आर्टिकल को हटाने के बाद क्या नियम लागू होते है यह सब इस आर्टिकल में विस्तारपूर्वक से समझाया गया है|
आइये जानते है आखिर 370 आर्टिकल क्या है?
तो मेरे प्यारे दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएँगे की आखिर 370 आर्टिकल है क्या, इसकी के बारे में पूरी जानकारी दे रहे हैं, जिसके अंतर्गत आप किस प्रकार आपको लाभ मिल सकते है| 370 आर्टिकल को 17 नवम्बर 1952 से लागू किया गया था, इस आर्टिकल के तहत केवल कश्मीर के लोगों ही सुविधाए मिलती थी और भारत के अन्य राज्यों के नागरिकों को नहीं मिलती हैं|
इस आर्टिकल के अंतर्गत रक्षा, विदेशी मामले और संचार के सभी मामलों में पहल भारत सरकार करेगी और 370 आर्टिकल के वजह से जम्मू कश्मीर का अपना संविधान है एवं इसका प्रशासन इसी के अनुसार चलाया जाता है पर भारत के संविधान के अनुसार नहीं|
भारत में जम्मू और कश्मीर को स्विटज़रलैंड कहा जाता है, जहाँ हरी भरी वादियाँ, एक दम साफ़ स्वच्छ हवा और पानी इस प्रदेश को सचमे में ही स्वर्ग सा बना देते है, पर कुछ सालों से कश्मीर की इन वादियों में केवल बारूद की दुर्गन्ध ही आ रही है, इसके पीछे की वजह यह है है की यहाँ पर अलगावबादी नेताओं की एक अपनी राजनीती और कुछ क़ानूनी पेचीदे कायदे जैसे की आर्टिकल 370 और आर्टिकल 35A.
भारत देश 15 अगस्त, 1947 को आजाद हुआ था, इसके साथ ही जम्मू और कश्मीर भी आजाद हो गया था| उन सालों में भारत की स्वत्रंता के दौरान राजा हरी सिंह यहाँ के शासक थे और वो अपनी रियासत को स्वतंत्र राज्य रखना चाहते थे, पर 20 अक्टूबर, 1947 को पाकिस्तान समर्थित “आजाद कश्मीर सेना” ने पाकिस्तानी सेना के साथ मिलके कश्मीर पर आक्रमण कर दिया था और कई सारे हिस्से हथिया लिए थे|
इसी दौरान महाराजा हरी सिंह ने जम्मू & कश्मीर की रक्षा के लिए शेख अब्दुल्ला की सहमती से जवाहर लाल नेहरु के साथ मिलकर 26 अक्टूबर 1947 को भारत के साथ जम्मू & कश्मीर के अस्थायी विलय का प्रबंध किया था एयर अपने खुद के हस्ताक्षर कार दिए थे|
इसी समजौते के दौरान से जम्मू & कश्मीर ने भारत के साथ सिर्फ तीन विषयों जैसे की रक्षा, विदेशी मामले और संचार को भारत के हवाले कर दिया था. इसी विषय पर हस्ताक्षर करने के बाद भारत सरकार ने ऐसा वादा किया था की “अबसे इस राज्य के लोग अपने स्वयं संविधान सभा के माध्यम से राज्य के आंतरिक संविधान का निर्माण करेंगे एवं जब तक इस राज्य की संविधान सभा शासन व्यवस्था और अधिकार क्षेत्र की सीमा का निर्धारण नहीं कार लेती टैब तक भारत का संविधान केवल राज्य के बारे में एक अंतरिम व्यवस्था प्रदान कर सकता है|
इसी वजह के साथ 370 आर्टिकल को भारत के संविधान में शामिल किया गया था, जिसमे स्पष्ट रूप से यह कहा गया था की जम्मू & कश्मीर राज्य के संबंध में ये प्रावधान केवल अस्थायी है, तबसे इन प्रावधानों को 17 नवम्बर, 1952 से लागू किया गया था|
370 आर्टिकल के दौरान जम्मू – कश्मीर के नियम
- 370 आर्टिकल के तहत जम्मू – कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता होती थी|
- जम्मू – कश्मीर का एक अलग राष्ट्रध्वज था|
- जम्मू – कश्मीर की विधानसभा का कार्यालय 6 साल तक का चलता था जबकि भारत के अन्य राज्यों की विधानसभाओं का कार्यालय 5 साल का ही होता है|
- जम्मू – कश्मीर के अंदर भारत के राष्ट्रध्वज या राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान एवं अपराध कोई भी नागरिक नहीं कर सकता|
- भारत के उच्चतम न्यायालय के आदेश जम्मू – कश्मीर के अंदर मान्य नहीं होते थे|
- भारत की संसंद जम्मू – कश्मीर के संबंध में अत्यंत सीमित क्षेत्र में अपना खुद का कानून बना सकती थी|
- अगर जम्मू – कश्मीर की कोई भी महिला यदि भारत के किसी अन्य राज्य के व्यक्ति से विवाह करती है तो उस महिला की नागरिकता समाप्त हो जाती थी, इसके अलावा यदि वह महिला अगर पाकिस्तान के किसी व्यक्ति से विवाह करले तो उसे जम्मू – कश्मीर की नागरिकता मिल जाती थी|
- धारा 370 के तहत कश्मीर में आरटीआई लागू नहीं पड़ती थी और इसके अलावा सीएजी भी लागू नहीं होता था एवं भारत का कोई भी कानून लागू नहीं पड़ता था|
- कश्मीर में महिलाओं पर शरिया कानून लागु पड़ता था|
- कश्मीर में पंचायत के अधिकार नहीं थे|
- कश्मीर में चपरासी को 2500 की ही तनखा मिलती थी|
- कश्मीर में हिन्दू एवं सिख को 16% प्रतिशत आरक्षण भी नहीं मिलता था|
- धारा 370 के तहत कश्मीर में बहार के लोग जमीन नहीं खरीद सकते थे|
- धारा 370 की वजह से पाकिस्तानियों को भी भारतीय नागरिकता आसानी से मिल जाती थी, इसके के लिए उनको किसी कश्मीरी लड़की से शादी करनी होती थी|
370 आर्टिकल हटाने के बाद जम्मू – कश्मीर के नियम
- धारा 370 हटाने के बाद अबसे जम्मू – कश्मीर में कोई विशेषाधिकार नहीं है|
- अबसे जम्मू – कश्मीर में एकल नागरिकता मिल सकती है|
- अबसे जम्मू – कश्मीर में तिरंगा ही लहेरायेगा|
- जम्मू – कश्मीर में अबसे धारा 356 लागू होगी|
- जम्मू – कश्मीर में अबसे धारा 356 के लिए आर्थिक आपातकाल लागू होगी|
- जम्मू – कश्मीर में हिन्दू – सिख एवं अल्पसंख्यक आरक्षण अबसे मिलेगा|
- जम्मू – कश्मीर में अबसे दूसरे राज्य के लोग भी जमीन और प्रॉपर्टी एवं प्लोट खरीद सकते है|
- अबसे जम्मू – कश्मीर में आरटीआई लागू होगी|
- जम्मू – कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश से जाने जायेंगे जिसमे विधानसभा का कार्यालय अबसे 5 साल का होगा|
तो दोस्तों यहा पर हमने 370 आर्टिकल एवं 370 आर्टिकल हटाने के बाद के नियमो के बारे में जरुरी जानकारी दी है| आप हमारी यह पोस्ट को लाइक और शेयर कर सकते हैं, जिससे इस आर्टिकल के बारे में कई सारे लोगों को 370 आर्टिकल के नियम और उसके बाद के नियमो के बारे में पता चले| धन्यवाद आपका दिन अच्छा रहे|